Thursday, 27 April 2017

गुजरातना खेडा ज्यां मां मेलडीना दरबारमां हाथोथी तळाय छे पूडी

गुजरातना खेडा ज्यां मां मेलडीना दरबारमां हाथोथी तळाय छे पूडी 

गरम-गरम तेलमां भक्त नाखे छे पूडी अने पछी तेने कोई कडछीथी नही पण काढे छे हाथ थी.

21 दिवसमां करे छे दरेक ईच्छा पूरी  ....





श्री मेलडी माडी वस्तुत: युद्धनी देवी छे. ज्यारे देव शक्तिया मायावी देत्योथी हारवा लागी किंकर्तव्यविमूढ थई गयी त्यारे एमनुं प्रागटय थयुं. तेणे पहेला दुष्ट देत्योथी युद्ध करी तेनुं संहार कर्युं . पछी कामरू जईने कामाख्यानी दुष्ट शक्तियोथी युद्ध कर्युं. तेणे पराजित कर्युं आथी तेणे युद्ध अने शस्त्र प्रिय छे क्यारे एणे क्रोध आवे छे तो एना दांत लोखंडनी जेम कठोर थई जाय छे. एना मेत्रोमांथी आग बरसे छे. एनुं वर्ण क्रोधावाशमां काळुं थई जाय छे. ते समते तेणे  शत्रु ना संहार सिवाय बीजुं कांई नही सूझाय छे. दुष्टो माटे आ कालरूपणी ज छे. 

श्री मेलडी माडी सौम्य रूपमां होय छे.त्यारे एनुं स्वभाव पांच वर्षनी कन्या जेवो होय छे. पांच वर्षनी कन्याने शुं जोईए ? तेनी ईच्छाना अनूकूळ तेमनी प्रिय वस्तुए तेने भेंट करता तो तेनी दरेक ईच्छाना अनूकूळ चालता रहो तो ते प्रसन्न थई जाय छे. ते ज रीते माडीने जे प्रिय छे तेनी ईच्छा मुजब आचरण अने तेमनी सेवा करता रहो तो प्रसन्न थई जाय छे. मां मेलडीने भाव प्रिय भावथी श्रद्धाथी मां कहीने तेमनी प्रार्थना करो तो तेमनी दरेक अमृतमयी कृपानो अनुभव जीवनने 
धन्य करे छे . तेणे कोई वस्तु आपवानो वादो करो तेणे पूरो करो. कारण के तमारुं वक हन एनुं अधिकार छे अने माता पोतानुं अधिकार मूकती नथी. आथी माडीना बनी जवुं वधारे श्रेयस्कर छे. आखा ब्रह्मांडमां मां मेलडी जेवी कोई दाता नही अने मां मेलडी जेवी कोई माता नही. 

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