मित्रो, वडीलो, भाईओ-बहेनो... जय माताजी... राम राम...!!
काठीयावाडना कठण काळजां समा भावनगरमां आपने नवा वरसमां सादर आमंत्रीत करुं छुं. भावनगर तो रजवाडुं, फरवा लायकतो घणी जग्याओ पण जयां हजीय शक्तिओ-मावडीओनो हाद छे, तेमज मने जे जग्याए मने वारंवार जवानुं मन थाय छे (अने जाव पण छुं).....
राजपरा खोडियार...
आवा तहेवारोमां जो अहीं मंदिरना जरा पण दर्शन थाय तो सौभाग्य गणवुं.. ने आ तो ए मावडी छे के जेनी फक्त धजाना दर्शन थाय तो तमारी आबरुंना कोइ'दि धजागरा न थाय हो वाला...देश-देशनी वात तो दुर रही मित्रो, आज हुं मंदिरए गयो हतो, चार-पांच भुरीया पण देखाणां !! खोडियारनुं खोटुं नहीं ने खोटानी खोडियार नइ हो...!!
मांगल धाम भगुडा...
नवलाख लोबडांणीओ चारण कुळमां जन्मी छे , ने चारणोए माताओने शाब्दिक उपमाओ वडे लाड लडाव्या छे. मोगल ए गुप्त शक्ति छे. आजकाल नइ छेल्ला केटलांक वर्षोनी परचा पुरे छे,
आवी मां मोगलनी एकवार मेर थाय तो आखी जिंदगी लीला लेर थइ जाय हो वाला !
आवा तो घणांय स्थळो, पण भावेणाना मांडवाळी गामे राज बाईमां बेठा छे, मंदिर सामे एक कुइ छे. एवो त्यां हाद छे के जो कोइ ए कुइनुं पाणी गाळीने पीवे अने तेनुं गळुं होजवाडी न दे तो ए राज बाई न केवाय ! ( ट्राय करवी होय तो स्वागत छे.)
.....ने वळी दरियानो विशाळ पट्ट पण खरो... अमारुं झांझमेर.... संत भूमी सोरठनी...!
तय आवो.... डेलीओए डायरा करशुं.....!!!
बापा सीताराम... जय जय काठीयावाड....!
काठीयावाडना कठण काळजां समा भावनगरमां आपने नवा वरसमां सादर आमंत्रीत करुं छुं. भावनगर तो रजवाडुं, फरवा लायकतो घणी जग्याओ पण जयां हजीय शक्तिओ-मावडीओनो हाद छे, तेमज मने जे जग्याए मने वारंवार जवानुं मन थाय छे (अने जाव पण छुं).....
राजपरा खोडियार...
आवा तहेवारोमां जो अहीं मंदिरना जरा पण दर्शन थाय तो सौभाग्य गणवुं.. ने आ तो ए मावडी छे के जेनी फक्त धजाना दर्शन थाय तो तमारी आबरुंना कोइ'दि धजागरा न थाय हो वाला...देश-देशनी वात तो दुर रही मित्रो, आज हुं मंदिरए गयो हतो, चार-पांच भुरीया पण देखाणां !! खोडियारनुं खोटुं नहीं ने खोटानी खोडियार नइ हो...!!
मांगल धाम भगुडा...
नवलाख लोबडांणीओ चारण कुळमां जन्मी छे , ने चारणोए माताओने शाब्दिक उपमाओ वडे लाड लडाव्या छे. मोगल ए गुप्त शक्ति छे. आजकाल नइ छेल्ला केटलांक वर्षोनी परचा पुरे छे,
आवी मां मोगलनी एकवार मेर थाय तो आखी जिंदगी लीला लेर थइ जाय हो वाला !
आवा तो घणांय स्थळो, पण भावेणाना मांडवाळी गामे राज बाईमां बेठा छे, मंदिर सामे एक कुइ छे. एवो त्यां हाद छे के जो कोइ ए कुइनुं पाणी गाळीने पीवे अने तेनुं गळुं होजवाडी न दे तो ए राज बाई न केवाय ! ( ट्राय करवी होय तो स्वागत छे.)
.....ने वळी दरियानो विशाळ पट्ट पण खरो... अमारुं झांझमेर.... संत भूमी सोरठनी...!
तय आवो.... डेलीओए डायरा करशुं.....!!!
बापा सीताराम... जय जय काठीयावाड....!
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