Tuesday, 25 April 2017

माँ खोडीयार तेमनी 7 बहेनो साथे स्थिर थइ गया

                             
        माँ खोडीयार तेमनी 7 बहेनो साथे स्थिर थइ गया



 भावनगर- सौराष्ट्रनी भूमि एटले संतो महंतोनी भूमि गणाय छे. अहीं अनेक संतो महंतो अने सतीओ थइ गया छे. आपणे अहीं वात करीए भावनगर जील्लामां सिहोंर पासे राजपरा खोडियार गामे बिराजता खोडियार माताजीना मंदिर विषे राजपरा गामे आवेलुं आ खोडियार मंदिर देश विदेशमां पण प्रसिद्ध छे, अने लाखोनी संख्यामां तेमना भक्तो अहीं आवता होय छे.

१४ मी फेबृआरी एटले खोडियार माताजीनो प्रागट्य दिवस श्री खोडियार माताजीना प्रगट्या विषे अनेक दांत कथाओ छे जेमां वात करीए तो रोहीशाळा अने राजपरा गामने लगता खोडीयार माताजीना प्रगट्य विशे सहु कोई जाणे छे.

पाळियाद पासे आवेला रोहीशाळा गाममां रहेता मामाडयो चारण वल्लभीपुरना राजा शील भद्रना दरबारमां मामैया देव तरीके जाणीतो हतो आ मामैया देव तेमनी जीभ उपर सरस्वती मातानो साक्षात वसवाट हतो आ Khodiyar maaमामाडयो  देव नि:संतान होय तेनुं मों जोवुं अपशुकन गणातुं तेवी वातो थता राजाए मामाडया देवने तेना दरबारमां आववानी ना पडी दीधी हती. मुंझायेला मामाडया देवे महादेवने रीझववा माटे घर छोडी दीधुं हतुं. भोळानाथ मामडया देव पर प्रसन्न थया अने ७ पुत्री तथा १ पुत्रनुं वरदान आप्युं हतुं अने आ सात पुत्रीमांनी एक पुत्री एटले खोडीयार माताजी, मामाडया चारणनो दीकरो सर्प दंश ना कारणे मृत्यु पाम्यो बादमां हाल जे खोडीयार माताजी तरीके ओळखाय छे तेमनुं मूळ नाम जानबाई होवानुं मनाय छे बीजी एक लोकवायका मुजब जोवा जईए तो आ खोडीयार माताजी धारीमां पण स्थिर थया हता.

भावनगरना महाराजा भावसिंहजीए तेमनी राजधानी सिहोंरथी भावनगर फेरवानुं नक्की करता माताजीने भावनगर पधारवा माटे विनंती करी हती अने माताजीए महाराज भावसिंहजी साथे एक शरत पण मूकी KHODIYAR TEMPLE 13-2-16 (3)होवानी लोकवायका छे. माहाराज भावसिंहजीने कह्युं हतुं के, हुं तारी साथे भावनगर तो आवुं पण तारे पाछळ फरी ने जोवानुं नहीं अने जो तेवुं थशे तो हुं ए ज जग्याए स्थिर थइ जईश. ते पछी महाराजा आगळ अने खोडीयार माताजी झांझर पहेरीने रूम झूम करता तेनी पाछळ आववा नीकळ्या हता हजु तो सिहोंरनुं पादर वटया  अने राजपरा गाम पासे झांझरनो रणकार बंध थइ जता महाराजा भावसिंहजीने शंका गई अने तेणे पाछु वाळीने जोता खोडीयार माताजी तथा तेमनी तमाम बहेनो त्यां स्थिर थइ गई हती. बादमां अहीं राजवी परिवारे तांतणीया धरानुं निर्माण पण कर्युं अने मंदिर पण बनाव्युं जे खोडीयार माताजीनुं मंदिर आजे देश विदेशमां प्रसिद्ध छे.

खोडीयार माताजीना दर्शन माटे लोको अनेक प्रकारनी बाधा पण राखे छे. अहीं मंगळवार अने रविवारे मोटी संख्यामां भक्तजनो उमटी पडे छे. भावनगरथी दर शनिवारे हजारोनी संख्यामां लोको पगपाळा यात्रा करी माताजीना दर्शन माटे जाय छे.

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