गोहिलवंशना कूळदेवी राजपराना
खोडियारमा
नोधाराना आधार बन्यां
मां आद्यशक्तिना पर्व नवला नोरतानो प्रारंभ थई गयो छे. नव दिवस सुधी दैवी शक्तिनी आराधना करवानो तेमज गरबे घुमीने मा ना आर्शिवाद प्राप्त करवानो अनोखो महिमा छे. त्यारे सिहोर तालुकाना राजपरा गामे बिराजमान मां खोडियारना मंदिरे हजारो पदयात्रिओ माताजीना रथ अने धजा पताका साथे माताजीनी आराधना करवा उमटी पडया छे.
सौराष्ट्रनी भूमि एटले 2016-10-01संतो महंतोनी भूमि गणाय छे. अहीं अनेक संतो महंतो अने सतीओ थइ गया छे. भावनगर जिल्लामां सिहोर पासे राजपरामां खोडियार माताजीनुं मदिर आवेलुं छे. खोडियार मंदिर देश विदेशमां पण प्रसिद्ध छे, अने लाखोनी संख्यामां भक्तो अहीं आवे छे अने मा खोडियारना आशिर्वाद मेळवे छे.
शिहोरथी 4 कि.मी.ना अंतरे आवेलुं राजपरा भावनगर राज्यना अगाउना राजवीओनी कुळदेवी खोडियार माताना सुविख्यात मंदिर माटे जाणीतुं छे. मंदिरने 36 थांभला अने विशाळ मंडप छे. हाल आ मंदिरनो वहीवट भावनगरनो राजवी परिवार संभाळी रह्यो छे. आ विस्तारमां मां खोडियार खूब वंदनीय छे. अने हजारो भक्तो खास करीने रविवारे अने मंगळवारे आवे छे. केमके आ देवीनी पूजा00206 माटे आ वार पवित्र मनाय छे.
खोडियार माताजीना प्रगट्या विशे अनेक दंत कथाओ छे, जेमां वात करीए तो रोहीशाळा अने राजपरा गामने लगता खोडियार माताजीना प्रागट्य विषे सौ कोई जाणे छे. पाळियाद पासे आवेला रोहीशाळा गाममां रहेतो मामाडयो चारण वल्लभीपुरना राजा शील भद्रना दरबारमां मामैया देव तरीके जाणीतो हतो. आ मामैया देवनी जीभ उपर सरस्वती मातानो साक्षात वसवाट हतो. परंतु ते नि:संतान होवाथी तेनुं मो जोवुं अपशुकन गणाय तेवी वातो थतां राजाए मामडयाने तेना दरबारमां आववानीना पाडी दीधी हती. त्यारबाद मामडयाए भोळानाथने प्रार्थना करी, भोळानाथ मामडया देव पर प्रसन्न थयां अने 7 पुत्री00036 अने 1 पुत्रनुं वरदान आप्युं हतुं. आ सात पुत्रीमांनी एक पुत्री एटले खोडियार माताजी मामाडया चारणनो दीकरो सर्प दंशना कारणे मृत्यु पाम्यो हतो. हाल जे खोडियार माताजी तरीके ओळखाय छे, तेमनुं मुळनाम जानबाई होवानुं पण मनाय छे.
भावनगरनां गोहिल वंशना प्रजावत्सल राजवी पोताना वंशना कुळदेवी खोडियार मातानुं स्थापन राजधानीमां 00173करवा इरछुक हता. जेथी आ राजवीए राजपरा नजीक खोडियार माताजीने भावनगर पधारवा प्रसन्न कर्या हतां. माताजीए प्रसन्न थईने शरत राखी के हुं तारी पाछळ-पाछळ आवीश पण तारे पाछुं वळीने जोवुं नहीं. जेथी महाराजा आगळ-आगळ अने पाछळ आ भकतवत्सल माताजी चालता हतां. आम राजानी साथे आवेलो रसालो हालना भावनगर बाजु आगळने आगळ चाल्यो जतो हतो. रस्तामां महाराजाना मनमां संशय जाग्यो के खोडियार माता पाछळ आवे छे के नहीं ? आ प्रश्नना निराकरण माटे शंका वधु ने वधु गाढ थतां आखरे महाराजाए पाछुं वळीने जोयुं. बस ए ज स्थळे माताजी धरतीमां समाई गयां.
00215आ स्थळे माताजीनुं स्थानक थयुं ते आजे वरतेज नजीकनुं सुप्रसिद्ध नानी खोडियार मंदिर तरीके ओळखाय छे. राजपरा मंदिर नारी चोकडीथी 9 किलोमिटरनां अंतरे आवेल छे. भावनगरथी राजपरा तरफ चालीने जतां दरेक माइभकतो नानी खोडियार मंदिरे पण अचूक दर्शन करे छे.
आम राजपरा खोडियार मंदिर ए माताजीनुं प्रागटय स्थान समुं मोटुं तीर्थ छे. अने नानी खोडियार मंदिर ए माताजी जयां समाया ते स्थानक छे. आ स्थळ हरवा-फरवा, उपरांत उजवणीना स्थळ तरीके पण जाणीतुं छे. खोडियार मंदिरनी बाजुमां ज तांतणीयो धरो नामनुं तळाव आवेलुं छे. आ तळावनुं पाणी लोको चरणामृत तरीके साथे लई जाय छे. अने आ पाणीने पण गंगाजळ समान मानवामां आवे छे. अने अहींना आ तांतणीया धरा विशे एवुं पण कहेवाय छे के, मा खोडियार अहीं बिराजमान छे. अने जे भक्तो श्रद्धाथी मा ने भजे छे तेने माताजी मगर स्वरूपे दर्शन आपे छे.
पदयात्रिओ माटे विशेष सुविधा
राजपरा खाते नवरात्रिना प्रारंभना 2 दिवस पहेलाथी ज मांई भक्तोनी भीड उमटी पडी छे. दर वर्षे पगपाळा आवता हजारो भक्तो माटे सिहोरनी विविध सेवाभावी संस्थाओ वडीया गाम, सांईबाबा रेस्टोरन्ट वडला चोक मित्र मंडळ(टाउन होल), गोपाल दर्शन कोम्पलेक्ष, गुंदाळा, चेतन हनुमान खाखरीया, होटल पंचनाथ(राजपरा-खो.) द्वारा चा-पाणी, नास्ता, ठंडा पीणा, भोजन सहितनो प्रबंध करी सेवानो समियाणो खडो करवामां आव्यो छे. पदयात्रीओ सिहोरमां दिवसभर रोकाण दरमियान वडला वाळा खोडियार मंदिरे तेमज डुंगर पर बिराजमान सिहोरी माताजीनां मंदिरे दर्शन करी राजपरा खोडियार मंदिरे शीश नमाववा तरफ प्रयाण करे छे.
संकुल मेनेजर विजयसिंह हेमुभा वाळाए chitralekha.com साथेनी वातचीतमां जणाव्युं हतुं के, खोडियार मंदिरे बारेmanager-vijaysinh मास यात्रिकोनो धसारो रहेतो होवाथी मंदिर तरफथी प्रसाद स्वरूपे अन्नक्षेत्रनी व्यवस्था करवामां आवी छे. आ प्रसादीनो समय दररोज सवारे 11थी बपोरना 3 वाग्या सुधी अने सांजना 7 वाग्याथी रात्रीना 10 वाग्या सुधी प्रसाद भक्तोने पीरसवामां आवे छे. आ उपरांत दर मंगळवारे मातजीने पंसद एवी सुखडी अथवा लापसीनी प्रसादी पीरसवामां आवे छे. नवरात्रि दरमियान ट्रस्ट तरफथी आसो सुद आठमना दिवसे विशेष हवननुं आयोजन पण करवामां आवे छे.
yuvraj-javirraj-sinh-trustiमंदिरना ट्रस्टी युवराज जयवीरराज सिंहे chitralekha.com साथेनी वातचीतमां जणाव्युं हतुं के, खोडियार मंदिरमां आवता यात्रिको ने वधुमां वधु सुविधा मळे ते माटे ट्रस्टी ओ कटीबद्ध छे. अहीं आवता हजारो लोकोनी सुरक्षा माटे ट्रस्टनो खानगी सिक्युरिटी स्टाफ अने पोलीस पण खडे पगे छे. आ उपरांत समग्र संकुलने सी.सी.टीवी केमेराथी सज्ज करवामां आव्युं होय यात्रिकोनी सलामती माटे पण पूरता पगला भरवामां आव्यां छे.
मंदिरना ट्रस्ट तरफथी यात्रिकोना आरोग्य माटे खास व्यवस्था उभी करवामां आवी छे. जेमां फ्री दवा आपवामां आवे छे. दररोजना अंदाजे 50 जेटला दर्दीओ आ सेवानो लाभ ले छे. दवाखानानो समय सवारे 9थी सांजना 4 वाग्या सुधीनो छे.
खोडियार मंदिर नजीकनी डुंगरमाळामांथी उच्च कक्षाना पथ्थरो मळी आवे छे. आ यात्राधामे दर भादरवी अमासे बहोळी संख्यामां राज्य अने राज्य बहारथी प्रवासीओ आवे छे. भावनगर (शहेर), सिहोर, वरतेज जेवां स्थळोएथी दर शनिवारनी मोडी रात्रे मोटी संख्यामां पगपाळा यात्रिकोनो बहोळो समुदाय खोडियार मंदिर भणी वहेतो होय छे. अहीं मंदिरथी हाईवे सुधी अनेक दुकानो आवेली छे. जे दुकानो अहींनां गामनां लोकोनुं आजीविकानुं एक साधन बनी रही छे. तेमज आ धार्मिक स्थळ रेलवे अने एस.टी.नी सेवाथी जोडायेलुं छे.
खोडियारमा
नोधाराना आधार बन्यां
मां आद्यशक्तिना पर्व नवला नोरतानो प्रारंभ थई गयो छे. नव दिवस सुधी दैवी शक्तिनी आराधना करवानो तेमज गरबे घुमीने मा ना आर्शिवाद प्राप्त करवानो अनोखो महिमा छे. त्यारे सिहोर तालुकाना राजपरा गामे बिराजमान मां खोडियारना मंदिरे हजारो पदयात्रिओ माताजीना रथ अने धजा पताका साथे माताजीनी आराधना करवा उमटी पडया छे.
सौराष्ट्रनी भूमि एटले 2016-10-01संतो महंतोनी भूमि गणाय छे. अहीं अनेक संतो महंतो अने सतीओ थइ गया छे. भावनगर जिल्लामां सिहोर पासे राजपरामां खोडियार माताजीनुं मदिर आवेलुं छे. खोडियार मंदिर देश विदेशमां पण प्रसिद्ध छे, अने लाखोनी संख्यामां भक्तो अहीं आवे छे अने मा खोडियारना आशिर्वाद मेळवे छे.
शिहोरथी 4 कि.मी.ना अंतरे आवेलुं राजपरा भावनगर राज्यना अगाउना राजवीओनी कुळदेवी खोडियार माताना सुविख्यात मंदिर माटे जाणीतुं छे. मंदिरने 36 थांभला अने विशाळ मंडप छे. हाल आ मंदिरनो वहीवट भावनगरनो राजवी परिवार संभाळी रह्यो छे. आ विस्तारमां मां खोडियार खूब वंदनीय छे. अने हजारो भक्तो खास करीने रविवारे अने मंगळवारे आवे छे. केमके आ देवीनी पूजा00206 माटे आ वार पवित्र मनाय छे.
खोडियार माताजीना प्रगट्या विशे अनेक दंत कथाओ छे, जेमां वात करीए तो रोहीशाळा अने राजपरा गामने लगता खोडियार माताजीना प्रागट्य विषे सौ कोई जाणे छे. पाळियाद पासे आवेला रोहीशाळा गाममां रहेतो मामाडयो चारण वल्लभीपुरना राजा शील भद्रना दरबारमां मामैया देव तरीके जाणीतो हतो. आ मामैया देवनी जीभ उपर सरस्वती मातानो साक्षात वसवाट हतो. परंतु ते नि:संतान होवाथी तेनुं मो जोवुं अपशुकन गणाय तेवी वातो थतां राजाए मामडयाने तेना दरबारमां आववानीना पाडी दीधी हती. त्यारबाद मामडयाए भोळानाथने प्रार्थना करी, भोळानाथ मामडया देव पर प्रसन्न थयां अने 7 पुत्री00036 अने 1 पुत्रनुं वरदान आप्युं हतुं. आ सात पुत्रीमांनी एक पुत्री एटले खोडियार माताजी मामाडया चारणनो दीकरो सर्प दंशना कारणे मृत्यु पाम्यो हतो. हाल जे खोडियार माताजी तरीके ओळखाय छे, तेमनुं मुळनाम जानबाई होवानुं पण मनाय छे.
भावनगरनां गोहिल वंशना प्रजावत्सल राजवी पोताना वंशना कुळदेवी खोडियार मातानुं स्थापन राजधानीमां 00173करवा इरछुक हता. जेथी आ राजवीए राजपरा नजीक खोडियार माताजीने भावनगर पधारवा प्रसन्न कर्या हतां. माताजीए प्रसन्न थईने शरत राखी के हुं तारी पाछळ-पाछळ आवीश पण तारे पाछुं वळीने जोवुं नहीं. जेथी महाराजा आगळ-आगळ अने पाछळ आ भकतवत्सल माताजी चालता हतां. आम राजानी साथे आवेलो रसालो हालना भावनगर बाजु आगळने आगळ चाल्यो जतो हतो. रस्तामां महाराजाना मनमां संशय जाग्यो के खोडियार माता पाछळ आवे छे के नहीं ? आ प्रश्नना निराकरण माटे शंका वधु ने वधु गाढ थतां आखरे महाराजाए पाछुं वळीने जोयुं. बस ए ज स्थळे माताजी धरतीमां समाई गयां.
00215आ स्थळे माताजीनुं स्थानक थयुं ते आजे वरतेज नजीकनुं सुप्रसिद्ध नानी खोडियार मंदिर तरीके ओळखाय छे. राजपरा मंदिर नारी चोकडीथी 9 किलोमिटरनां अंतरे आवेल छे. भावनगरथी राजपरा तरफ चालीने जतां दरेक माइभकतो नानी खोडियार मंदिरे पण अचूक दर्शन करे छे.
आम राजपरा खोडियार मंदिर ए माताजीनुं प्रागटय स्थान समुं मोटुं तीर्थ छे. अने नानी खोडियार मंदिर ए माताजी जयां समाया ते स्थानक छे. आ स्थळ हरवा-फरवा, उपरांत उजवणीना स्थळ तरीके पण जाणीतुं छे. खोडियार मंदिरनी बाजुमां ज तांतणीयो धरो नामनुं तळाव आवेलुं छे. आ तळावनुं पाणी लोको चरणामृत तरीके साथे लई जाय छे. अने आ पाणीने पण गंगाजळ समान मानवामां आवे छे. अने अहींना आ तांतणीया धरा विशे एवुं पण कहेवाय छे के, मा खोडियार अहीं बिराजमान छे. अने जे भक्तो श्रद्धाथी मा ने भजे छे तेने माताजी मगर स्वरूपे दर्शन आपे छे.
पदयात्रिओ माटे विशेष सुविधा
राजपरा खाते नवरात्रिना प्रारंभना 2 दिवस पहेलाथी ज मांई भक्तोनी भीड उमटी पडी छे. दर वर्षे पगपाळा आवता हजारो भक्तो माटे सिहोरनी विविध सेवाभावी संस्थाओ वडीया गाम, सांईबाबा रेस्टोरन्ट वडला चोक मित्र मंडळ(टाउन होल), गोपाल दर्शन कोम्पलेक्ष, गुंदाळा, चेतन हनुमान खाखरीया, होटल पंचनाथ(राजपरा-खो.) द्वारा चा-पाणी, नास्ता, ठंडा पीणा, भोजन सहितनो प्रबंध करी सेवानो समियाणो खडो करवामां आव्यो छे. पदयात्रीओ सिहोरमां दिवसभर रोकाण दरमियान वडला वाळा खोडियार मंदिरे तेमज डुंगर पर बिराजमान सिहोरी माताजीनां मंदिरे दर्शन करी राजपरा खोडियार मंदिरे शीश नमाववा तरफ प्रयाण करे छे.
संकुल मेनेजर विजयसिंह हेमुभा वाळाए chitralekha.com साथेनी वातचीतमां जणाव्युं हतुं के, खोडियार मंदिरे बारेmanager-vijaysinh मास यात्रिकोनो धसारो रहेतो होवाथी मंदिर तरफथी प्रसाद स्वरूपे अन्नक्षेत्रनी व्यवस्था करवामां आवी छे. आ प्रसादीनो समय दररोज सवारे 11थी बपोरना 3 वाग्या सुधी अने सांजना 7 वाग्याथी रात्रीना 10 वाग्या सुधी प्रसाद भक्तोने पीरसवामां आवे छे. आ उपरांत दर मंगळवारे मातजीने पंसद एवी सुखडी अथवा लापसीनी प्रसादी पीरसवामां आवे छे. नवरात्रि दरमियान ट्रस्ट तरफथी आसो सुद आठमना दिवसे विशेष हवननुं आयोजन पण करवामां आवे छे.
yuvraj-javirraj-sinh-trustiमंदिरना ट्रस्टी युवराज जयवीरराज सिंहे chitralekha.com साथेनी वातचीतमां जणाव्युं हतुं के, खोडियार मंदिरमां आवता यात्रिको ने वधुमां वधु सुविधा मळे ते माटे ट्रस्टी ओ कटीबद्ध छे. अहीं आवता हजारो लोकोनी सुरक्षा माटे ट्रस्टनो खानगी सिक्युरिटी स्टाफ अने पोलीस पण खडे पगे छे. आ उपरांत समग्र संकुलने सी.सी.टीवी केमेराथी सज्ज करवामां आव्युं होय यात्रिकोनी सलामती माटे पण पूरता पगला भरवामां आव्यां छे.
मंदिरना ट्रस्ट तरफथी यात्रिकोना आरोग्य माटे खास व्यवस्था उभी करवामां आवी छे. जेमां फ्री दवा आपवामां आवे छे. दररोजना अंदाजे 50 जेटला दर्दीओ आ सेवानो लाभ ले छे. दवाखानानो समय सवारे 9थी सांजना 4 वाग्या सुधीनो छे.
खोडियार मंदिर नजीकनी डुंगरमाळामांथी उच्च कक्षाना पथ्थरो मळी आवे छे. आ यात्राधामे दर भादरवी अमासे बहोळी संख्यामां राज्य अने राज्य बहारथी प्रवासीओ आवे छे. भावनगर (शहेर), सिहोर, वरतेज जेवां स्थळोएथी दर शनिवारनी मोडी रात्रे मोटी संख्यामां पगपाळा यात्रिकोनो बहोळो समुदाय खोडियार मंदिर भणी वहेतो होय छे. अहीं मंदिरथी हाईवे सुधी अनेक दुकानो आवेली छे. जे दुकानो अहींनां गामनां लोकोनुं आजीविकानुं एक साधन बनी रही छे. तेमज आ धार्मिक स्थळ रेलवे अने एस.टी.नी सेवाथी जोडायेलुं छे.
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